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संस्कृति और विरासत

स.क्र. स्थान का नाम विवरण मार्ग
1 नहरिया बाबा नहरिया बाबा मंदिर, एक  हनुमान मंदिर है। स्थित: जिला मुख्यालय
2 विष्णु मंदिर 12 वी सदी में हैह्य वंश के राजाओं के द्वारा विष्णु मंदिर का निर्माण कराया गया, जो कि वर्तमान में जॉजगीर की पुरानी बस्ती के भीमा तालाब के पास स्थित है। पूर्ण मंदिर बनाने के लिये इसे दो भागों मे निर्माण किया गया। लेकिन दोनों ही भाग को मिलाने का कार्य समय में पूर्ण नही हुआ था, इसका परिणाम यह हुआ कि दोनों भाग आज भी अलग-अलग जमीन पर रखें है। अभी तक मंदिर पूर्ण नही हुआ है इसलिये यह स्थानीय लोगों के द्वारा नक्टा मंदिर के नाम से जाना जाता है। मंदिर के दीवारों में देवी-देवताओं की, गंधर्व और किन्नर प्रतिमा पर्यटकों को अपने ओर आकर्षित करती है। स्थित: जिला मुख्यालय
3 पीथमपुर (शिव मंदिर) भगवान शिव मंदिर हसदेव नदी के तट पर स्थित है जो कि कलेश्वरनाथ मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। महाशिवरात्रि एवं रंग पंचमी त्यौहार के समय 10 दिन का मेला आयोजित किया जाता है। तहसील : जांजगीर
दूरी : 10 कि.मी. पूर्व की ओर.
4 चंद्रहासिनी देवी मंदिर महानदी के तट पर चन्द्रहासिनी देवी माता का एक अद्भुत मंदिर है। नवरात्रि के समय यहॉ भव्य मेला का आयोजन किया जाता है। साथ ही यह एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है यहॉ अन्य राज्यों जैसे ओडिसा से भी लोग आते है। यह एक पवित्र स्थान है व पर्यटन स्थल के रूप में दिन ब दिन अपनी ख्याति बना रहा है। तहसील : डभरा
दूरी : तहसील मुख्यालय डभरा से 22 कि. मी. पूर्व की ओर
5 शिवरीनारायण महानदी के तट पर बसे शिवरीनारायण नगर में 11 शताब्दी में हैह्य वंश के राजाओं के द्वारा लक्ष्मी नारायण मंदिर बनाया गया। हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार रामायण के समय से यहॉ शबरी आश्रम स्थित है। शिवरीनारायण मंदिर में वैष्णव समुदाय द्वारा वैष्णव शैली की अदभुत कलाकृतियॉ देखने को मिलती है। तहसील : नवागढ़
दूरी : जिला मुख्यालय से 50 कि. मी. दक्षिण की ओर
6 लक्ष्मणेश्वर मंदिर हिन्दू पौराणिक और स्थानीय कथाओं के अनुसार यहॉ भगवान राम के अनुज लक्ष्मण जी ने भगवान शिव का मंदिर बनवाया था। इसलिये इस मंदिर को लक्ष्मणेश्वर मंदिर के रूप में जाना जाता है। यह हिन्दू तीर्थ यात्रियों के लिये यह एक पवित्र स्थान है तहसील : पामगढ़
दूरी: तहसील मुख्यालय पामगढ़ से 20 कि. मी. दक्षिण की ओर.
7 तुर्रीधाम (शिव मंदिर) तुर्रीधाम के नाम से जाना जाने वाला यह मंदिर भगवान शिव का है, प्रत्येक वर्ष महाशिवरात्रि के अवसर पर तीन दिनों का मेला आयोजित किया जाता है। तहसील : सक्ती
दूरी : सक्ती से 13 कि. मी.
8 अड़भार यह एक प्राचीन मंदिर है। जिसमें आठ हाथ वाली देवी विराजमान है। नवरात्रि के अवसर पर यहॉ ज्योति कलश जलाया जाता हैं। तहसील : मालखरोदा
दूरी : सक्ती से 11 कि.मी.
9 मदनपुरगढ़ यह मंदिर भी हसदेव नदी के तट पर स्थित हैं। यह एक प्रसिद्ध देवी मंदिर है यहॉ नवरात्रि का त्यौहार पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया जाता हैं। तहसील : जांजगीर
दूरी : 10 कि.मी.उत्तर पूर्व की ओर
10 घटादाई (पहरिया)(त्रिपुर  सिंगर देवी) यह त्रिपुर सिंगरदेवी का मंदिर जंगल और पहाड़ो से घिरा है। जो कि इसकी सुंदरता को बढ़ाता है। तहसील : जांजगीर
दूरी : 25 कि.मी. उत्तर की ओर